Mahavir ji Aarti ( भगवान महावीर की आरती )
भगवन मेरी नैया, उस पार लगा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना
हम दीनदुखी निर्धन, नित नाम जपे प्रतिपल
यह सोच दरश दोगे, प्रभु आज नहीं तो कल
जो बाग लगाया है फूलों से सजा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।
तुम शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान दिवाकर हो
मुम हंस चुगे मोती, तुम मानसरोवर हो
दो बूंद सुधा रस की, हम को भी पिला देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।
रोकोगे भला कब तक, दर्शन दो मुझे तुम से
चरणों से लिपट जाऊं प्रभु शोक लता जैसे
अब द्वार खड़ा तेरे, मुझे राह दिखा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।
मंझधार पड़ी नैया डगमग डोले भव में
आओ त्रिशाला नंदन हम ध्यान धरे मन में
अब बस करें विनती, मुझे अपना बना लेना
भगवन मेरी नैया, उस पार लगा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।
No comments:
Post a Comment