Thursday, March 19, 2020

Adinath ji aarti

Adinath ji aarti ( भगवान आदिनाथ की आरती )

 

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आरती उतारूं आदिनाथ भगवान की
माता मरुदेवि पिता नाभिराय लाल की
रोम रोम पुलकित होता देख मूरत आपकी
आरती हो बाबा, आरती हो,

प्रभुजी हमसब उतारें थारी आरती
तुम धर्म धुरन्धर धारी, तुम ऋषभ प्रभु अवतारी
तुम तीन लोक के स्वामी, तुम गुण अनंत सुखकारी

इस युग के प्रथम विधाता, तुम मोक्ष मार्म के दाता
जो शरण तुम्हारी आता, वो भव सागर तिर जाता
हे… नाम हे हजारों ही गुण गान की…

तुम ज्ञान की ज्योति जमाए, तुम शिव मारग बतलाए
तुम आठो करम नशाए, तुम सिद्ध परम पद पाये
मैं मंगल दीप सजाऊं, मैं जग-मग ज्योति जलाऊं

मैं तुम चरणों में आऊं, मैं भक्ति में रम जाऊं
हे झूम-झूम-झूम नाचूं करूं आरती।
आरती उतारूं आदिनाथ भगवान की। 

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